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Love Shayari | Pyar Shayari प्यार भरी शायरी हिंदी में लिखी हुई

Love Shayari | Pyar Shayari प्यार भरी शायरी हिंदी में लिखी हुई किसी को तकलीफ देना मेरी आदत नही, बिन बुलाया मेहमान बनना मेरी आदत नही...!! मैं अपने गम में रहता हूँ नबाबों की तरह, परायी खुशियो के पास जाना मेरी आदत नही...!! सबको हँसता ही देखना चाहता हूँ मै, किसी को धोखे से भी रुलाना मेरी आदत नही...!! बांटना चाहता हूँ तो बस प्यार और मोहब्बत, यूँ नफरत फैलाना मेरी आदत नही...!! जिंदगी मिट जाये किसी की खातिर गम नही, कोई बद्दुआ दे मरने की यूँ जीना मेरी आदत नही...!! सबसे दोस्त की हैसियत से बोल लेता हूँ, किसी का दिल दुखा दूँ मेरी आदत नही...!! दोस्ती होती है दिलों से चाहने पर, जबरदस्ती दोस्ती करना मेरी आदत नही...!! Love Shayari | Love Shayari In Hindi नशा मोहब्बत का हो या शराब का होश दोनों में खो जाता है, फर्क सिर्फ इतना है की शराब सुला देती है, और मोहब्बत रुला देती है...!! Love Shayari प्यार की आंच से तो पत्थर भी पिघल जाता है, सचे दिल से साथ दे तो नसीब भी बदल जाता है, प्यार की राहों पर मिल जाये साचा हमसफ़र, तो कितना भी गिरा हुआ इंसान भी संभल जाता है...!! Hindi Love Shayari - Pyar Bhari Shayari  बु

Love Shayari | Love Shayari In Hindi | लव शायरी हिंदी में लिखी हुई

Love Shayari | Love Shayari In Hindi | लव शायरी हिंदी में लिखी हुई मैं बन जाऊं रेत सनम, तुम लहर बन जाना भरना मुझे अपनी बाहों में अपने संग ले जाना..!! मोहब्बत की कहूँ देवी या तुमको बंदगी कह दूँ, बुरा मानो न गर हमदम तो तुमको ज़िन्दगी कह दूँ। अच्छा लगता हैं तेरा नाम मेरे नाम के साथ, जैसे कोई खूबसूरत जगह हो हसीन शाम के साथ। जी चाहे कि दुनिया की हर एक फ़िक्र भुला कर, दिल की बातें सुनाऊं तुझे मैं पास बिठाकर। ये लकीरें ये नसीब ये किस्मत, सब फ़रेब के आईने हैं, हाथों में तेरा हाथ होने से ही, मुकम्मल ज़िन्दगी के मायने हैं। जरा छू लूँ तुमको कि मुझको यकीं आ जाये, लोग कहते हैं मुझे साये से मोहब्बत है। कुछ हदें हैं मेरी कुछ हदें हैं तेरी..!! लेकिन दायरों में भी इश्क़ होता है…!! छुपा लूं तुझको अपनी बाँहों में इस तरह, कि हवा भी गुजरने की इजाज़त मांगे, मदहोश हो जाऊं तेरे प्यार में इस तरह, कि होश भी आने की इजाज़त मांगे। चाहत बन गए हो तुम, कि आदत बन गए हो तुम, हर सांस में यूं आते जाते हो जैसे मेरी इबादत बन गए हो तुम। हुस्न-ए-बेनजीर के तलबगार हुए बैठे हैं, उनकी एक झलक को बेकरार हुए बैठे हैं, उनके नाजुक हाथों